Adiyogi Statue: मिलनाडु के कोयंबटूर में वेल्लियांगिरी पर्वतों की पवित्र गोद में स्थित आदियोगी शिव प्रतिमा मंदिर प्रकृति, आध्यात्म और शांति का अद्वितीय संगम है। यहां स्थापित 112 फीट ऊंची आदियोगी प्रतिमा भगवान शिव के दिव्य और ध्यानमग्न स्वरूप का जीवंत प्रतीक है, जो पूरे विश्व को योग के मार्ग की ओर प्रेरित करती है।
this blog includes
‘आदियोगी’ का अर्थ क्या है?
Adiyogi Statue: “आदियोगी” शब्द का अर्थ है “प्रथम योगी”। यह नाम भगवान शिव के लिए प्रयोग किया जाता है, जो योग के जनक माने जाते हैं। प्राचीन भारतीय परंपरा के अनुसार, शिव ने सबसे पहले मानवता को योग का ज्ञान दिया।
शिव ने अपने सात शिष्यों, जिन्हें सप्तऋषि कहा जाता है, इनको योग के 112 प्रकारों का ज्ञान दिया। इन सात ऋषियों ने फिर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर योग का प्रसार किया। इस तरह भगवान शिव को “आदियोगी” के रूप में जाना गया
मंदिर की स्थापना
आदियोगी मंदिर का निर्माण ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मार्गदर्शन में किया गया। सद्गुरु का उद्देश्य इस मंदिर और प्रतिमा के माध्यम से योग को पूरी दुनिया तक पहुंचाना और लोगों को आत्म-जागृति की ओर प्रेरित करना था।
आदियोगी प्रतिमा का निर्माण कैसे हुआ?
Lord Shiva Idol: तमिलनाडु के वेल्लियांगिरी पहाड़ियों के पास स्थित ईशा योग केंद्र में इस विशाल प्रतिमा का निर्माण किया गया। प्रतिमा की ऊंचाई 112 फीट है, जो योग के 112 मार्गों का प्रतीक है। इसके अलावा, यह 112 तरीकों का भी संकेत देती है जिनके माध्यम से मनुष्य मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव, जो इस परियोजना के प्रेरक हैं, इनका मानना है कि आज के समय में दुनिया को शांति और खुशी की आवश्यकता है। उनका मानना है कि योग ही वह माध्यम है जो इस दिशा में हमें सही मार्ग पर ले जा सकता है। इस प्रतिमा को बनाने का मुख्य उद्देश्य योग के महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करना था।
प्रतिमा को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य
Isha Yoga Coimbatore: आदियोगी प्रतिमा को स्थापित करने के पीछे मुख्य उद्देश्य योग का प्रसार करना और दुनिया को उसकी शक्ति से परिचित कराना था। सद्गुरु के नेतृत्व में Isha Foundation Bangalore योग को जीवन का एक अहम हिस्सा बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। “योगेश्वर लिंग” की स्थापना भी इसी प्रतिमा के साथ की गई है, जिससे यहां आने वाले लोग शिव की ऊर्जा का अनुभव कर सकें।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
Lord Shiva Statue In India: आदियोगी प्रतिमा को दुनिया की सबसे ऊंची बस्ट (अध-प्रतिमा) के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। यह उपलब्धि भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला के गौरव को दर्शाती है। यह विशाल प्रतिमा स्टील की परतों से बनी हुई है और इसका वजन लगभग 500 टन है।
यहाँ की ख़ासियत क्या है?
Lord Shiva Murti: हर अमावस्या के दिन, आसपास के गांवों के लोगों द्वारा योगेश्वर लिंग पर पारंपरिक प्रसाद चढ़ाया जाता है। योगेश्वर लिंग पर “शंभो” मंत्र चार दक्षिण भारतीय भाषाओं: तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में लिखा गया है। आदियोगी मूर्ति की गले की माला को असली रुद्राक्ष से बनाया गया है।
साथ ही यह दुनिया की सबसे बड़ी रुद्राक्ष माला भी है जिसमें 100,008 रुद्राक्ष पिरोए गए हैं। भक्त गण आदियोगी के चारों ओर लगे हुए 621 त्रिशूलों पर काला कपड़ा बांधकर भगवान आदियोगी को वस्त्र अर्पित करते हैं।
महाशिवरात्रि का आयोजन
Isha Temple Coimbatore: आदियोगी मंदिर में महाशिवरात्रि का आयोजन पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु और योग प्रेमी यहाँ एकत्र होते हैं और पूरी रात ध्यान, भजन और साधना करते हैं। सद्गुरु के मार्गदर्शन में यह पर्व एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव बन जाता है। महाशिवरात्रि की रात, जब आदियोगी प्रतिमा को भव्य रोशनी से सजाया जाता है, तब इसका दृश्य अविस्मरणीय होता है।
कैसे पहुँचे आदियोगी मंदिर
- सड़क मार्ग: मंदिर तक पहुँचने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा आसानी से उपलब्ध है।
- स्थान: कोयंबटूर, तमिलनाडु
- निकटतम हवाई अड्डा: कोयंबटूर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
- निकटतम रेलवे स्टेशन: कोयंबटूर जंक्शन
Adiyogi मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आत्म-जागृति, योग और शांति का एक अद्भुत केंद्र है। यह मंदिर हमें योग के माध्यम से अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने और जीवन के गहरे अर्थ को समझने की प्रेरणा देता है।
“शिव से शक्ति तक, आदियोगी मंदिर एक आध्यात्मिक यात्रा का द्वार है।”🕉🔱
यह भी देखिए-
1. आदियोगी शिव प्रतिमा कहां स्थित है?
आदियोगी शिव प्रतिमा तमिलनाडु के कोयंबटूर में वेल्लियांगिरी पर्वतों के पास स्थित है, जो ईशा योग केंद्र का हिस्सा है।
2. आदियोगी प्रतिमा की ऊंचाई कितनी है?
यह प्रतिमा 112 फीट ऊंची है, जो योग के 112 मार्गों और मानव मुक्ति के 112 तरीकों का प्रतीक है।
3. आदियोगी प्रतिमा को किसने बनवाया?
आदियोगी प्रतिमा का निर्माण ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मार्गदर्शन में किया गया है।