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aparna yadav: राजनीति में उनकी बढ़ती पहचान

aparna yadav: योगी सरकार ने अपर्णा यादव को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, बनाया यूपी महिला आयोग का उपाध्यक्ष।

अपर्णा यादव कौन है?

aparna yadav: अपर्णा यादव का जन्म 1990 में लखनऊ कैंट में हुआ था। वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं। अपर्णा के पिता अरविंद सिंह बिष्ट पत्रकार रहे हैं। उनकी मां अंबी बिष्ट लखनऊ नगर निगम में अधिकारी हैं।अपर्णा यादव की स्कूली शिक्षा लखनऊ के लोरेटो कान्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से हुई। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस, मॉडर्न हिस्ट्री और इंग्लिश भाषा में ग्रेजुएशन किया है।

अपर्णा बिष्ट यादव उत्तर प्रदेश में एक सक्रिय राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इसके अलावा वह पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू है। 2011 में मुलायम के बेटे प्रतीक यादव से उनकी शादी हुई। उन्होंने लखनऊ कैंट से 2017 विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ा। वह bAware के नाम से एक संगठन चलाती है, वह विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के प्रति काम कर रही है। अपर्णा ने महिलाओं से संबंधित मुद्दों के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

aparna yadav: राजनीति में उनकी बढ़ती पहचान

राजनीति में प्रवेश: उनकी शुरुआत और प्रेरणा

aparna yadav: औपचारिक रूप से भगवा ब्रिगेड में शामिल होने के एक दिन बाद, अपर्णा यादव लखनऊ स्थित अपने घर पहुंचीं और मुलायम सिंह यादव के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया, क्योंकि उन्होंने एक नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। अपर्णा ने 2017 में कैंट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन रीता बहुगुणा जोशी ने 33 हजार 796 मतों से उनको हराया था। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से ठीक पहले, अपर्णा यादव ने 19 जनवरी 2022 को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली।

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अपर्णा यादव का बढ़ता राजनीतिक सफर

aparna yadav: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार (3 सितंबर) को बबीता चौहान को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया। समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि अपर्णा यादव जनवरी 2022 में बीजेपी में शामिल हुई थीं और ढाई साल बाद उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

अपर्णा ने 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थामा था। तब उन्हें भी भाजपा का टिकट मिलने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद कई मौक़े आए जब अपर्णा के एमएलसी बनने या उपचुनाव में उतरने की चर्चा चली। पार्टी के संगठन में भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिल सकी।

एक दो बार डिंपल और अखिलेश यादव के ही ख़िलाफ़ उनको उतारने की भी बाते आईं लेकिन भाजपा ने कभी अपर्णा को कोई मौक़ा नहीं दिया था। अब लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली हार और सपा को मिली बड़ी कामयाबी के बाद अपर्णा को कोई पद दिया गया है।

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यूपी के महिला आयोग में 25 सदस्यों को मिली जगह

लखनऊ से अंजू प्रजापति, डॉ. प्रियंका मौर्य, ऋतु शाही, एकता सिंह। मेरठ से हिमानी अग्रवाल, मीनाक्षी भराला, मनीषा अहलावत। कानपुर से पूनम द्विवेदी और अनीता गुप्ता। बिजनौर से अवनी सिंह, संगीता जैन अन्नू। बलिया से सुनीता श्रीवास्तव। झांसी से अनुपमा सि। खीरी से सुजीता कुमारी। अलीगढ़ से मीना कुमारी। मिर्जापुर से नीलम प्रभात। जौनपुर से गीता बिंद। प्रयागराज से गीता विश्वकर्मा। बरेली से पुष्पा पांडेय। रामपुर से सुनीता सैनी। ललितपुर से अर्चना पटेल। संतकबीरनगर से जनक नंदिनी। कौशांबी से प्रतिमा कुशवाह। कासगंज से रेणु गौर। सहारनपुर से सपना कश्यप।

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