coorg hill station: क्यों इसे भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है?

coorg hill station: क्यों इसे भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है?

Coorg Hill Station: कूर्ग, जिसे आधिकारिक तौर पर कोडागु (Kodagu) के नाम से जाना जाता है, कर्नाटक राज्य में स्थित एक खूबसूरत पहाड़ी स्थल है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने जंगलों, कॉफी के बागानों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है


कूर्ग (Coorg)

Coorg Hill Station: कूर्ग, कर्नाटक राज्य के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित एक लोकप्रिय पहाड़ी स्थल है। इसे अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे कॉफी के बागानों, घने जंगलों और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है। कूर्ग को “भारत का स्कॉटलैंड” भी कहा जाता है क्योंकि इसकी हरी-भरी घाटियां और ठंडी जलवायु यूरोपीय पहाड़ियों की याद दिलाती हैं।

Coorg Images

कूर्ग को “भारत का स्कॉटलैंड” और “कर्नाटक का कश्मीर” भी कहा जाता है। यह दक्षिण भारत में ट्रेकिंग, नेचर वॉक और शांत वातावरण के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।


कूर्ग का भौगोलिक विवरण

  • ऊंचाई: समुद्र तल से 900 से 1,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
  • स्थान: पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में बसा हुआ है।
  • निकटतम शहर: मैसूर (118 किमी) और बेंगलुरु (267 किमी)।
  • भाषा: कन्नड़, कोडवा और अंग्रेजी।

कूर्ग के प्रमुख आकर्षण

  • एबी फॉल्स (Abbey Falls)

यह खूबसूरत झरना कूर्ग के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह घने कॉफी के बागानों के बीच स्थित है और यहां का शोरगुल पानी का नजारा बेहद अद्भुत है।

  • राजा की सीट (Raja’s Seat)

यह एक व्यूपॉइंट है, जहां से हरी-भरी घाटियों और पहाड़ियों का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही अद्भुत होता है।

  • दुबारे एलीफेंट कैंप (Dubare Elephant Camp)

यह कैंप उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो हाथियों के करीब आकर उनके बारे में जानना चाहते हैं। यहां आप हाथियों को नहला सकते हैं और उन्हें खाना खिला सकते हैं।

  • तलाकावेरी (Talakaveri)

यह कावेरी नदी का उद्गम स्थल है। यहां एक मंदिर भी स्थित है और यह स्थान धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • बाइलाकुप्पे (Bylakuppe)

यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा तिब्बती बस्ती क्षेत्र है। यहां स्थित नामद्रोलिंग मठ (Namdroling Monastery) जिसे “गोल्डन टेम्पल” भी कहते हैं, बहुत प्रसिद्ध है।

  • मंडलपट्टी व्यूपॉइंट (Mandalpatti Viewpoint)

यह स्थान एडवेंचर प्रेमियों के लिए है। यहां तक पहुंचने के लिए जीप सफारी का मजा लिया जा सकता है।


कूर्ग में गतिविधियां

  1. ट्रेकिंग: कोडाचद्री हिल्स और ताडींदमोल ट्रेक प्रसिद्ध हैं।
  2. रिवर राफ्टिंग: मुनियार नदी में वाटर राफ्टिंग का आनंद लें।
  3. कैंपिंग: प्रकृति के करीब रहने के लिए कूर्ग में कई जगहों पर कैंपिंग की जा सकती है।
  4. स्पाइस टूर: कॉफी और मसालों के बागानों की सैर करें।
  5. वन्यजीव सफारी: नागरहोल नेशनल पार्क और पुष्पगिरी वाइल्डलाइफ सेंचुरी की यात्रा करें।

कूर्ग का मौसम

  • गर्मियां (मार्च से मई): तापमान 15°C से 35°C के बीच रहता है।
  • मानसून (जून से सितंबर): भारी बारिश होती है, जो यहां की हरियाली को और खूबसूरत बनाती है।
  • सर्दियां (अक्टूबर से फरवरी): तापमान 10°C से 25°C के बीच होता है, और यह समय कूर्ग घूमने का सबसे अच्छा समय है।

कूर्ग घूमने का सबसे अच्छा समय

  • अक्टूबर से मार्च: मौसम सुहावना रहता है, और सर्दियों में घूमने के लिए यह सबसे आदर्श समय है।
  • जून से सितंबर: इस दौरान भारी बारिश होती है, जो कूर्ग की हरियाली को और भी सुंदर बनाती है।

कूर्ग में ठहरने के विकल्प

कूर्ग में हर बजट के अनुसार ठहरने के लिए विकल्प उपलब्ध हैं:

  • लक्ज़री रिसॉर्ट: Taj Madikeri Resort, Club Mahindra Resort
  • होमस्टे: The Tamara Coorg, Old Kent Estates
  • बजट होटल: स्थानीय होटल और लॉज।

mysore to coorg distance​

Coorg Hill Station: मैसूर (Mysore) से कूर्ग (Coorg) की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। यह दूरी सड़क मार्ग से लगभग 3 से 4 घंटे में तय की जा सकती है, जो यातायात और मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है। मैसूर से कूर्ग तक पहुंचने के लिए सबसे सामान्य मार्ग इस प्रकार है:

  • मैसूर → हंसुर (Hunsur) → पेरियापटना (Periyapatna) → मदिकेरी (Madikeri, कूर्ग का मुख्य शहर)।

यह मार्ग अच्छी सड़क सुविधाओं के साथ यात्रा को आरामदायक बनाता है।


कूर्ग क्यों जाएं?

Coorg Hill Station: कूर्ग एक ऐसा स्थान है जो प्रकृति प्रेमियों, एडवेंचर उत्साही, हनीमून कपल्स और शांत वातावरण की तलाश में आए पर्यटकों के लिए परफेक्ट है। इसके घने जंगल, खूबसूरत घाटियां और अद्भुत जलप्रपात इसे एक यादगार अनुभव प्रदान करते हैं।


Coorg Hill Station: कूर्ग, अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और रोमांचक गतिविधियों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। यह स्थान शांतिप्रिय यात्रियों से लेकर एडवेंचर प्रेमियों तक, हर किसी को आकर्षित करता है। घने जंगलों, सुगंधित कॉफी बागानों, झरनों और घाटियों के साथ, कूर्ग दक्षिण भारत का एक नायाब रत्न है।

यदि आप शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर, ताजगी और शांति का अनुभव करना चाहते हैं, तो कूर्ग आपकी यात्रा का एक परफेक्ट गंतव्य है। यहां की यात्रा न केवल आपको प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद देगी बल्कि जीवनभर की यादगार अनुभव भी प्रदान करेगी।

यह भी देखिए –

1. कूर्ग क्यों प्रसिद्ध है?

कूर्ग अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने कॉफी बागानों, झरनों, शांत वातावरण और कोडवा संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इसे “भारत का स्कॉटलैंड” भी कहा जाता है।

2. कूर्ग को “भारत का स्कॉटलैंड” क्यों कहा जाता है?

कूर्ग की हरी-भरी घाटियां, ठंडी जलवायु और पहाड़ी क्षेत्र इसकी तुलना स्कॉटलैंड से करते हैं, इसलिए इसे “भारत का स्कॉटलैंड” कहा जाता है।

3. कूर्ग में कितने दिन रुकना चाहिए?

कूर्ग में 2 से 3 दिन रुकने का समय पर्याप्त है, ताकि आप प्रमुख पर्यटन स्थलों को देख सकें और यहां की शांति का आनंद ले सकें।

4. कूर्ग में कौन-कौन से व्यंजन प्रसिद्ध हैं?

कूर्ग के पारंपरिक व्यंजनों में पंडी करी (सूअर का मांस करी), अक्की रोटी (चावल की रोटी), और नीर डोसा प्रसिद्ध हैं। यहां की कॉफी भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है।

5. मैसूर से कूर्ग कितनी दूरी पर है?

मैसूर से कूर्ग की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है, और यह सड़क मार्ग से लगभग 3 से 4 घंटे में तय की जा सकती है।

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