Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे सामने आएंगे। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मिडल क्लास परिवारों के मुद्दों को प्रमुखता दी है और उनके हितों को ध्यान में रखते हुए चुनावी रणनीति तैयार की है।
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मिडल क्लास की आवाज बनेगी अरविंद केजरीवाल की पार्टी
Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखें अब करीब आ गई हैं, और सभी राजनीतिक दल जनता को आकर्षित करने के लिए अपने-अपने वादे कर रहे हैं। चुनाव प्रचार में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ लुभावने वादे किए जा रहे हैं।
इसी बीच, बुधवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश के मिडल क्लास के मुद्दों पर बात की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह और उनकी पार्टी मिडल क्लास की आवाज बनेंगे।
केजरीवाल ने यह भी घोषणा की कि अगले दो हफ्तों में देश का बजट आने वाला है, और वह मिडल क्लास के मुद्दों को बजट में प्रमुख रूप से उठाएंगे। उनकी मांग है कि आने वाला बजट मिडल क्लास के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाए, ताकि इस वर्ग को और भी ज्यादा राहत मिल सके।(Delhi Assembly Election)
क्या मिडल क्लास सिर्फ टैक्स देने के लिए रह गया है?
Delhi Assembly Election 2025: अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक, ने मिडल क्लास के बारे में एक गंभीर बयान दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में अक्सर धर्म, जाति और समाज के निचले तबके के लोगों के लिए वादे किए जाते हैं, जबकि उद्योगपतियों के लिए भी कई वादे किए जाते हैं। लेकिन एक वर्ग ऐसा है, जो हर बार चुनावी वादों का हिस्सा बनता है और फिर भी उपेक्षित रह जाता है—वह है मिडल क्लास।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले 75 सालों में एक के बाद एक सरकारें आईं, लेकिन किसी भी सरकार ने मिडल क्लास के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उल्टा, उन्हें टैक्स के जरिए दबाया गया। सरकार ने हमेशा मिडल क्लास से टैक्स वसूला, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान कभी नहीं किया। इस तरह से मिडल क्लास आज एक सरकार के एटीएम (ATM) जैसा बनकर रह गया है, जो सिर्फ टैक्स देने तक ही सीमित रह गया है।(Delhi Election 2025)
केजरीवाल ने मिडल क्लास के हक में उठाई आवाज
Delhi AAP Manifesto 2025: अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह मिडल क्लास के मुद्दों को जोर-शोर से उठाएंगे, चाहे वह सड़क हो या संसद। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा जनता के पैसों का सही उपयोग करना है और दिल्ली में हमने इसका उदाहरण पेश किया है। केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली का शिक्षा बजट अब 16 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो मिडल क्लास और आम लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
इसके अलावा, केजरीवाल ने साल 2020 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि उस साल 85 हजार लोग भारत छोड़कर चले गए थे, जो एक गंभीर संकेत है। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार से 7 महत्वपूर्ण मांगें की हैं, जिन्हें जल्द ही पूरा किया जाना चाहिए। केजरीवाल का ये बयान मिडल क्लास परिवारों के हक के लिए उनके समर्थन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम और था। (Delhi Election 2025)
केजरीवाल की मिडल क्लास के लिए 7 बड़ी मांगें
- शिक्षा का बजट 2% से बढ़ाकर 10% किया जाए और प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती लगाई जाए।
- च्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिप दी जाए।
- स्वास्थ्य बजट को 10% किया जाए और हेल्थ इंश्योरेंस का टैक्स हटा दिया जाए।
- इनकम टैक्स की छूट सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया जाए।
- जरूरी चीजों पर का GST खत्म किया जाए।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए रिटायरमेंट प्लान और मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाए।
- रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को फिर से लागू किया जाए।
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