earthquake in delhi latest भूकंप के झटकों से हिली दिल्ली जानें क्या हुआ अभी?

earthquake in delhi latest :दिल्ली-NCR में बुधवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था। इस्लामाबाद और लाहौर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई।

Delhi-NCR में भूकंप के झटके

earthquake in delhi latest :दिल्ली-NCR में बुधवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था। इस्लामाबाद और लाहौर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई। भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में भी महसूस किए गए। अफगानिस्तान भी इन झटकों से हिल गया। इस बीते दो हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

क्यों होता है भूकंप?

earthquake in delhi latest :पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं और एकदूसरे के ऊपर चढ़ती है या उनसे दूर जाती हैं, वहां ज़ोन फ़ॉल्ट लाइन फ़ॉल्ट होता है। जब बार बार प्लेट्स टकराती है तो कोने मुड़ने लगते है और ज़्यादा दबाव बनने पर प्लेट्स टूटने लगती है। तब जमीन हिलने लगती है, ऐसे में धरती से ऊर्जा बाहर आने की कोशिश करती है, जिससे रफ़्तार बिगड़ती है और भूकंप की स्थिति पैदा होती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते है।

यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट क्या बताती है!

earthquake in delhi latest :भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है। पर्यावरण का चक्र बिगड़ने पर भी भूकंप के मामले पहले से अधिक हो गए है। हालांकि पूरी दुनिया में सबसे अधिक भूकंप जापान में आते है। लेकिन वहां पर नुक़सान को कम करने के लिए भी प्रयास सबसे अधिक हुए है। वहीं देश में सबसे अधिक भूकंप 2050 तक गुवाहाटी, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे, कोच्चि, कोलकाता, पटना, तिरुवंतपुरम में संभावना जताई जा रही है। यह अनुमान वर्ल्ड बैंक और यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में जारी किया गया था।

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कैसे काम करता है?

earthquake in delhi latest :रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल को चार्ल्स एफ़. रिक्टर ने साल 1934 में विकसित किया था। यह स्केल, सीस्मोग्राफ़ से दर्ज किए गए डेटा के आधार पर भूकंप की तीव्रता मापता है। सीस्मोग्राफ़ एक उपकरण है जिससे ज़मीन की हलचल को रिकॉर्ड किया जाता है। रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल, 6.5 से ज़्यादा परिमाण के भूकंपों को मापने में सीमित है। रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल की जगह अब आघूर्ण परिमाण पैमाना (Moment Magnitude Scale, MMS) का इस्तेमाल किया जाता है।

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।

कितनी तीव्रता ख़तरनाक होती है?

  • 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
  • 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो।
  • 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं। जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं।
  • 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
  • 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है।

read more-

Leave a Comment

Discover more from ADDPNEWS

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Exit mobile version