Ganesh Jayanti 2025– जिसे Maghi Ganesh Jayanti भी कहा जाता है, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। खासकर महाराष्ट्र, गोवा और दक्षिण भारत में यह पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश जी को हर शुभ कार्य से पहले पूजा जाता है, इसलिए इस दिन की खास अहमियत होती है।
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Ganesh Jayanti 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त–
इस बार Ganesh Jayanti 1 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 2 फरवरी 2025 को रात 10:35 बजे
- चतुर्थी तिथि समाप्त – 3 फरवरी 2025 को रात 09:55 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 11:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक
Ganesh Jayanti 2025 की पूजा विधि
इस दिन गणपति बप्पा की पूजा पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से की जाती है। आइए जानते हैं पूजा की सही विधि:
- स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और गणपति जी की पूजा का संकल्प लें।
- गणेश जी की स्थापना: स्वच्छ स्थान पर गणपति की मूर्ति या चित्र रखें।
- कलश स्थापना: गणेश जी के सामने जल से भरा कलश रखें।
- पूजन सामग्री अर्पित करें: उन्हें सिंदूर, दूर्वा, लाल फूल, मोदक, नारियल, सुपारी, पंचामृत आदि अर्पित करें।
- गणेश मंत्र का जाप करें:
“ॐ गं गणपतये नमः”
“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥“ - आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं: भगवान गणेश की आरती उतारें और मोदक का भोग लगाएं।
- व्रत और कथा: व्रत रखने वाले भक्त गणेश जी की कथा सुनें।
- गणेश विसर्जन: पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति को किसी पवित्र जलस्रोत में विसर्जित करें।
Ganesh Jayanti 2025 व्रत का महत्व–
Maghi Ganesh Jayanti का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता आती है। इस दिन पूरे भक्ति भाव से व्रत रखने और पूजा करने से गणपति बप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
Maghi Ganesh Jayanti व्रत के नियम:
- इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- सात्विक भोजन करें और फलाहार पर ही रहें।
- गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा पढ़ें।
Ganesh Jayanti की कथा –
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन माता पार्वती ने उबटन से भगवान गणेश को बनाया और द्वारपाल बना दिया। जब भगवान शिव वहां आए और गणेश जी ने उन्हें रोक दिया, तो शिवजी ने क्रोध में उनका सिर काट दिया। माता पार्वती के विलाप करने पर भगवान शिव ने हाथी का सिर गणेश जी के धड़ पर लगा दिया और उन्हें फिर से जीवित किया। तभी से वे गजानन कहलाए।
गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी में अंतर –
- गणेश चतुर्थी: यह भाद्रपद महीने में मनाई जाती है और इसे 10 दिनों तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- माघी गणेश जयंती: यह माघ माह में आती है और इसे गणेश जी के वास्तविक जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
गणेश जयंती के दिन क्या करें और क्या न करें –
क्या करें:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और गणेश जी की पूजा करें।
- पूरे दिन अच्छे विचारों और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाएं।
- जरूरतमंदों की मदद करें और दान करें।
क्या न करें:
- मांसाहार और नशे का सेवन न करें।
- झूठ बोलने और झगड़ा करने से बचें।
- लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन न खाएं।