HMPV Virus Cases: Human Metapneumovirus (एचएमपीवी) यह एक श्वसन संबंधी वायरस है जो बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है। भारत में यह वायरस अब बढ़ने लगा है। आइए जानते है इस वायरस के बारे में।
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HMPV वायरस क्या है?
HMPV Virus Cases: एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) फेफड़ों और श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला एक श्वसन संबंधी वायरस है। यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में संक्रमण फैलाता है और निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बैन सकता है।
क्या यह वायरस पहले भी था?
HMPV Cases In India: स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह वायरस नया नही है। इसे पहली बार 2001 में खोजा गया था। यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों पर संक्रमन कर सकता है। लेकिन यह बच्चों, बुजुर्गों और कमज़ोर लोगों के लिए अधिक ख़तरनाक होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शायद HMPV के लिए कभी अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत भी पडती है। भारत में पहली बार यह वायरस 2003 में पाया गया था। बीजे मेडिकल कॉलेज और एनआईवी पुणे ने पहली बार पुणे में भारतीय बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि की थी।
साल 2024 में गोरखपुर में सांस की बीमारी से पीड़ित 100 बच्चों में से 4% बच्चों में एचएमपीवी के लक्ष्ण पाए गए थे। वही नेदरलैंड में इस वायरस की खोज डच वैज्ञानिकों ने 2000 में की थी। सीरोलॉजिकल अध्ययनों से पता चला कि एचएमपीवी वायरस नेदरलैंड में 1958 से ही मौजूद था।
HMPV वायरस के लक्षण (HMPV Virus Symptoms)
- खांसी और जुकाम
- गले में खराश होना
- बुखार आना
- थकान महसूस होना
- नाक बंद होना या बहना
- सांस लेने में दिक्कत होना
HMPV Virus: इसके लक्षण आमतौर पर हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं। सामान्य सर्दी-जुकाम से यह वायरस भी हो सकता है। गंभीर मामलों में यह वायरस निमोनिया और ब्रोंकाइटिस का कारण भी बन सकता है। इसके लक्षण संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं।
कैसे फैलता है एचएमपीवी?
HMPV Virus In Hindi: मुख्य रूप से एचएमपीवी हवा के माध्यम से फैलता है।
- जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।
- संक्रमित सतहों को छूने के बाद हाथों को चेहरे (नाक, मुंह, आंख) से छूने पर।
- निकट संपर्क, जैसे संक्रमित व्यक्ति के साथ हाथ मिलाना। इन सभी से एचएमपीवी फैलता है।
एचएमपीवी वायरस से बचाव के उपाय
- अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें और सतहों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करें।
- खासकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनना।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- स्वस्थ आहार लें और पर्याप्त नींद से अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करें।
एचएमपीवी का इलाज
HMPV Virus Treatment: एचएमपीवी के लिए अभी तक कोई विशेष वैक्सीन या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर लोगों पर इसका बहुत सामान्य असर होता है। इसलिए घर पर रहकर ही इसे मैनेज किया जा सकता है। जिन लोगों में गंभीर लक्षण दिखते है, उन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, IV ड्रिप और कॉर्टिकास्टेरॉइड (स्टेरॉयड्स का एक रूप) दिए जाते हैं।
- अधिकांश मामलों में, एचएमपीवी 2-3 हफ्तों में खुद ही ठीक हो जाते हैं।
- हल्के लक्षण होने पर आराम, पर्याप्त पानी पीना, और सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू उपचार किए जा सकते हैं।
- गंभीर लक्षण जैसे सांस लेने में दिक्कत होना या तेज बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अबतक देश में HMPV के 11 केस
केस | जगह | पॉज़िटिव व्यक्ति |
पहला केस | कर्नाटक | 8 महीने का बच्चा |
दूसरा केस | कर्नाटक | 3 महीने की बच्ची |
तीसरा केस | गुजरात | 2 महीने का बच्चा |
चौथा केस | बंगाल | 5 महीने का बच्चा |
पांचवा केस | तमिलनाडु | 69 साल का पुरुष |
छटा केस | चेन्नई | 45 साल का पुरुष |
सातवां केस | नागपुर | 13 साल की बच्ची |
आठवा केस | नागपुर | 7 साल का बच्चा |
नौवा केस | मुंबई | 6 महीने की बच्ची |
दसवा केस | यूपी | 60 साल की बच्ची |
ग्यारहवा केस | गुजरात | 8 साल का बच्चा |
यह वायरस कोरोना वायरस जितना गंभीर नहीं है, फिर भी इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
- नोट: यदि आपको या आपके परिवार में किसी को ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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