महिला कलाकारों को यौन संबंधों के लिए मजबूर किया जा रहा है / justice hema committee

हेमा समिति की रिपोर्ट केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को सौंपे जाने के पांच साल बाद 19 अगस्त, 2024 जारी की गई ।

क्या है यह समिति ?

मलयालम फ़िल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मुद्दे को उजागर करने वाली जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट इस उद्योग में महिलाओं को झेलनी पड़ रही गहरी समस्याओं पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई महिला कलाकारों को यौन संबंधों के लिए मजबूर किया जा रहा है / Justice Hema Committee और यह भी बताया गया कि इस उद्योग में एक शक्तिशाली लॉबी माफिया की तरह काम कर रही है। इस लॉबी के पास कथित तौर पर अवैध रूप से निर्देशकों, निर्माताओं और कलाकारों को ब्लैकलिस्ट करने की शक्ति है।

महिला कलाकारों को यौन संबंधों के लिए मजबूर किया जा रहा है / justice hema committee

बहुत महिलाओं ने उनके यौन उत्पीड़न करनेवालों के नाम उजागर किए !

रिपोर्ट के जारी होने के बाद, विपक्षी गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसके जवाब में, उद्योग में काम कर रही महिलाओं ने 2009 से जिन लोगों ने उनका यौन उत्पीड़न किया है, उनके नाम उजागर किए हैं। आरोपियों में से केवल एक ने ही आधिकारिक तौर पर पुलिस को बताया है कि उनके खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं।

मलयालम फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री अपनी कार से कोच्चि जा रही थीं। तभी उन्हें अगवा कर लिया गया। उन्हीं की कार में यौन उत्पीड़न किया गया। यह अपहरण ब्लैकमेल करने के इरादे से किया गया था। वारदात की जानकारी जंगल में आग की तरह पूरे केरल में फैल गई। सिनेमा प्रेमी सड़कों पर आ गए। इसमें एक्टर दिलीप समेत 10 लोगों के नाम सामने आए। जन आक्रोश से पुलिस दबाव में आ गई। देखते ही देखते 6 आरोपी पकड लिए गए। सबको जेल जाना पड़ा। यह घटना 14 फरवरी 2017 की है।

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इसपर केरल सरकार की जाँच !

केरल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस एसआईटी में चार महिला आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। यह एसआईटी यौन उत्पीड़न के आरोपों की गहरी जांच करेगी, ताकि पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके और दोषियों को सजा दी जा सके।

एसआईटी में महिलाओं की भागीदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह न केवल जांच को अधिक सहानुभूतिपूर्ण और समझदार दृष्टिकोण प्रदान करती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मामले के इर्द-गिर्द के घटनाक्रम का मलयालम फिल्म उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है और कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा के लिए व्यापक बदलावों की जरूरत पर चर्चा हो सकती है।

हेमा रिपोर्ट में क्या था ?

रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टडी के दौरान समझा गया कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कुछ शक्तिशाली पुरुष नियंत्रित करते हैं। वह फिल्मों में काम करने वालों पर हावी रहते हैं। निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं के इस शक्तिशाली समूह को माफिया कहा गया है, क्योंकि वह अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों का करियर बर्बाद करने की ताकत रखते हैं, इसलिए इनके ख़िलाफ़ जाने की कोशिश कोई भी अभिनेत्री नहीं करती।

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अभिनेत्री मीनू मूनीर की बात !

मलयालम फिल्म उद्योग में सोमवार को उस वक्त सनसनी मच गई, जब अन्य एक्ट्रेस भी यौन उत्पीड़न के आरोपों के साथ सामने आने लगीं। एक्ट्रेस मीनू मुनीर ने अभिनेता से विधायक बने एम. मुकेश, जयसूर्या, मणियांपिल्ला राजू और इदावेला बाबू के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए। एक पॉपुलर एक्ट्रेस ने भी फिल्म निर्माता पर कई साल पहले दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। लेकिन वह इन आरोपों से इनकार करते रहे।

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