Jwala Ji Temple: ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जहाँ लगातार जलती हुई ज्वालाएँ देवी की चमत्कारी शक्ति का प्रतीक हैं। यहाँ के अद्भुत दर्शन और धार्मिक महत्व से श्रद्धालु और पर्यटक आकर्षित होते हैं।
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Jwala Ji Temple: भारत में प्रत्येक राज्य और स्थान पर कई अद्भुत और ऐतिहासिक मंदिर स्थित हैं, जो अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक प्रमुख मंदिर है ज्वाला देवी मंदिर, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। मां ज्वाला देवी मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है।
यह मंदिर मां ज्वाला की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, जो शक्ति की देवी मानी जाती हैं। ज्वाला देवी का यह मंदिर अपने अद्वितीय स्वरूप और चमत्कारी विशेषताओं के लिए समस्त भारत और दुनिया भर के श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है।
ज्वाला देवी मंदिर की ज्वालाएँ क्यों नहीं बुझती?
Jwalaji Temple: ज्वाला देवी मंदिर में जलती हुई ज्वालाओं का अद्भुत और चमत्कारी रहस्य है, जो सदियों से लोगों को हैरान करता आ रहा है। यह ज्वालाएँ निरंतर जलती रहती हैं, और इनमें से कोई भी ज्वाला नहीं बुझती, चाहे मौसम कैसा भी हो। इसके बारे में विभिन्न धार्मिक और वैज्ञानिक वजहें है आइए देखते है।
- धार्मिक मान्यता
हिंदू धर्म के अनुसार, ज्वाला देवी मंदिर के स्थल पर देवी सती के शरीर के एक अंग का पतन हुआ था, जिसके बाद यहाँ पर अग्नि के रूप में देवी की शक्ति प्रकट हुई।
कहा जाता है कि यहां की ज्वालाएँ देवी की दिव्य शक्ति का प्रतीक हैं और यह लगातार जलती रहती हैं, क्योंकि यह देवी की अनंत कृपा और शक्ति का प्रमाण हैं। यह आग कभी नहीं बुझती क्योंकि यह देवी के आशीर्वाद का प्रतीक है और इसे अपार शक्ति का रूप माना जाता है।
- वैज्ञानिक व्याख्या
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, इस स्थान पर जलती ज्वालाओं के कारण को लेकर कई सिद्धांत हैं। एक प्रमुख सिद्धांत यह है कि यहाँ की धरती में प्राकृतिक गैसों का स्रोत है, जो पृथ्वी के अंदर से निकलकर सतह तक पहुँचता है और जलता रहता है।
इस प्रकार, यहां का वातावरण एक विशेष भौगोलिक स्थिति में है, जिससे निरंतर अग्नि जलती रहती है। हालांकि, इसके बारे में अभी भी वैज्ञानिकों के बीच अलग-अलग विचार हैं, लेकिन यह एक अद्भुत और रहस्यमय घटना है।
- पारंपरिक विश्वास
कुछ लोग यह मानते हैं कि यह ज्वालाएँ किसी सामान्य प्राकृतिक कारण से नहीं, बल्कि देवी की दिव्य कृपा से जल रही हैं। यह मान्यता है कि भगवान की शक्ति और आशीर्वाद से यह अग्नि कभी नहीं बुझ सकती। मंदिर के भक्तों का विश्वास है कि इस अग्नि के जलने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक शांति और आशीर्वाद मिलता है।
इन सभी व्याख्याओं के बावजूद, ज्वाला देवी मंदिर की ज्वालाएँ आज भी एक रहस्य बनी हुई हैं, जो श्रद्धालुओं और वैज्ञानिकों को समान रूप से आकर्षित करती हैं।
ज्वाला देवी मंदिर की संरचना
Jwala Devi Temple: ज्वाला देवी मंदिर का स्थापत्य बहुत ही आकर्षक और विशिष्ट है। मंदिर के भीतर सात मुख्य ज्वालाएँ प्रकट होती हैं, जिनकी पूजा श्रद्धालु करते हैं। ये सात ज्वालाएँ भगवान शिव, ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गंगा, यमुन और सूर्य देवता का प्रतीक मानी जाती हैं। इन ज्वालाओं से निरंतर अग्नि की लपटें निकलती रहती हैं, जो इस मंदिर को एक अद्भुत और रहस्यमय स्थल बनाती हैं।
मंदिर का मुख्य कक्ष विशेष रूप से देवी ज्वाला के विग्रह से सुसज्जित है। यहां एक छोटा सा गुंबद है, जिसके नीचे ज्वालाएँ जल रही होती हैं। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
ज्वाला देवी मंदिर के आस-पास के प्रमुख स्थल
- सिद्ध बाबा का मंदिर: यह मंदिर भी कांगड़ा में स्थित है और यहां सिद्ध बाबा की पूजा होती है।
- बैजनाथ मंदिर: यह मंदिर कांगड़ा जिले में स्थित है और यहां भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह स्थल भी ज्वाला देवी के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- कांगड़ा किला: कांगड़ा किला, जो कि एक प्राचीन किला है, ज्वाला देवी मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित है। यह किला कांगड़ा की ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है और इसे भारतीय किलों का गहना माना जाता है।
ज्वाला देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
Jwala Ji Mandir: ज्वाला देवी मंदिर कांगड़ा जिले के ज्वाला नगर में स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। मंदिर तक पहुँचने के लिए कांगड़ा शहर से टैक्सी, निजी वाहन या बस का उपयोग किया जा सकता है।
- हवाई मार्ग: कांगड़ा का गग्गल हवाई अड्डा ज्वाला देवी मंदिर के निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है।
- रेल मार्ग: कांगड़ा रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है, और यहां से टैक्सी या बस द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग: ज्वाला देवी मंदिर कांगड़ा और अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कांगड़ा से सीधे बस सेवा उपलब्ध है।
Jwala Mata Mandir: यहां की जलती हुई ज्वालाएँ, देवी की महिमा, और इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है। (Jwala Devi Temple Himachal Pradesh)
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