mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

Mahakumbh 2025: सिर्फ़ एक महीने में यह पूरी जगह देश का सबसे बड़ा शहर बनने वाली है। जिसकी जनसंख्या दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई की संयुक्त जनसंख्या से भी ज़्यादा होगी क्योंकि यहाँ बनने जा रही है महाकुंभ नगरी।


महाकुंभ मेला क्या होता है?

Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला, भारत का सबसे बड़ा और पवित्र धार्मिक आयोजन है, जिसे विश्व का सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला भी माना जाता है। यह मेला हर 12 वर्षों में चार पवित्र स्थानों में जैसे प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। जब यह मेला प्रयागराज में होता है, तो इसे विशेष महत्व दिया जाता है और इसे “महाकुंभ” कहा जाता है।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

महाकुंभ मेले का मुख्य उद्देश्य है संगम या पवित्र नदियों में स्नान करना, जिसे हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्ति और पापों के नाश का माध्यम माना गया है। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत, महात्मा और पर्यटक शामिल होते हैं।


महाकुंभ मेला की पौराणिक कथा

Mahakumbh Kab Hai: महाकुंभ मेला का आधार हिंदू धर्म कि पौराणिक कथाओं में है। यह समुद्र मंथन कि कथा से जुड़ा है, जिसमें देवताओं और असुरों ने अमृत के लिए समुद्र का मंथन किया। जब अमृत कलश (कुंभ) निकला, तो इसे लेकर देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें धरती के प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक इन चार स्थानों पर गिरीं।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

मान्यता है कि इन स्थानों पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति होती है और उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह मानव जीवन के शुद्धिकरण और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक है।


कब है महाकुंभ मेला?

Maha Kumbh Mela Kab Lagega: महाकुंभ मेले कि शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हो रही है। यह मेला 26 फ़रवरी 2025 महाशिवरात्रि व्रत तक चलेगा। इससे पहले साल 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा था।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

इस बार महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है और इसको लेकर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था कि गई है। इसके तैयारी में 6 हज़ार करोड़ से ज़्यादा खर्चे किए जा रहे है। (Mahakumbh 2025 Date)


कहां लगेगा महाकुंभ मेला यह कैसे तय होता है?

Maha Kumbh Mela: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब बृहस्पति ग्रह, वृषभ राशि में हो और इस दौरान सूर्य देव मकर राशि में आते है, तब महाकुंभ मेले मेले का आयोजन प्रयागराज में होता है। ऐसे ही जब गुरु बृहस्पति, कुंभ राशि में हो और उस दौरान सूर्य देव मेष राशि में आते हैं, तब महाकुंभ मेले मेले का आयोजन हरिद्वार में होता है।

इसके साथ ही जब सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में आते है, तब महाकुंभ मेले का आयोजन नासिक में होता है। वहीं जब ग्रह बृहस्पति, सिंह राशि में हो और सूर्य मेष राशि में हो, तब महाकुंभ मेले का आयोजन उज्जैन में होता है।


12 साल बाद ही क्यों लगता है महाकुंभ मेला?

Mahakumbh: कहा जाता है कि, देवताओं और असुरों के बीच अमृत पाने को लेकर लगभग 12 दिनों तक लड़ाई चली थी। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि देवताओं के 12 दिन मनुष्य के 12 सालों के बराबर होते हैं। यही वजह है कि 12 साल बाद महाकुंभ लगता है।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक उत्सव

महाकुंभ शाही स्नान 2025

  • 13 जनवरी: पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा पर होगा
  • 14 जनवरी: मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भी शाही स्नान होगा
  • 29 जनवरी: तीसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या पर है
  • 03 फरवरी: चौथा शाही स्नान बसंत पंचमी पर होगा
  • 12 फरवरी: पांचवा शाही स्नान माघ पूर्णिमा पर होगा
  • 26 फरवरी: छठा और आखिरी शाही स्नान महाशिवरात्रि पर होगा

कुंभ और महाकुंभ में क्या अंतर है?

Kumbh Mela: कुंभ मेला हर तीन साल में एक एक बार उज्जैन, प्रयागराज, हरिद्वार और नासिक में आयोजित होता है। अर्ध कुंभ मेला 6 साल में एक बार हरिद्वार और प्रयागराज के तट पर लगता है। पूर्ण कुंभ मेला 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है, जो प्रयागराज में होता है। 12 कुंभ मेला पूर्ण होने पर एक महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। इससे पहले महाकुंभ प्रयागराज में साल 2013 में आयोजित हुआ था।


Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। यह आयोजन न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि मानवता, शांति, और एकता का संदेश भी देता है। Mahakumbh Mela में भाग लेना हर व्यक्ति के जीवन को एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है। यह आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति को विश्वभर में प्रस्तुत करता है, बल्कि आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन की उच्चतम सच्चाइयों की ओर प्रेरित भी करता है।

यह भी देखिए –

1. महाकुंभ मेला 2025 कब और कहां आयोजित होगा?

महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन प्रयागराज (इलाहाबाद) में होगा। यह मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर 26 फ़रवरी 2025 तक चलेगा।

2. क्या महाकुंभ मेले में विदेशी पर्यटक भी शामिल हो सकते हैं?

हां, महाकुंभ मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध है, और हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक इसमें भाग लेते हैं। उनके लिए अलग से गाइड, भाषाई सहायता, और सूचना केंद्र उपलब्ध रहेंगे।

3. सुरक्षा व्यवस्था कैसी होगी?

महाकुंभ मेला 2025 के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन, और पुलिस बल मेला क्षेत्र की निगरानी करेंगे। इसके अलावा, मेडिकल कैंप और आपातकालीन सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।

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