shimla masjid :शिमला की मस्जिद पर बवाल क्या है सच्चाई?

shimla masjid :संजौली की विवादित मस्जिद का मामला साल 2010 से नगर निगम की कोर्ट में चल रहा है, शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को जमकर प्रदर्शन हुआ है।

मस्जिद पर 14 साल से था विवाद

shimla masjid :यह विवाद 30 अगस्त, 2024 को शिमला के मल्याणा गांव में दो समुदायों के बीच हुए विवाद से शुरू हुआ। विवाद हिंसक हो गया और एक स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह घायल हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक व्यक्ति ने यशपाल सिंह के सिर पर रॉड से हमला किया, जिससे गहरी चोट लगी। हमले के बाद के हफ्ते में शिमला में कई विरोध प्रदर्शन हुए।

शिमला के संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को जमकर प्रदर्शन हुआ। अब गुरुवार को शिमला में बाजार बंद किया गया है। मॉल रोड, संजौली और बालूगंज में एक बजे तक बाजार बंद किया गया है। संजौली में हुए प्रदर्शन में 10 लोग घायल हुए हैं, इनमें पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। इस, कुछ घंटे पहले प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने दोबारा सख्ती अपनाई थी। इस धक्का मुक्की में 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

कहा से पता चला संजौली का विवाद

shimla masjid :संजौली की मस्जिद को लेकर पहली बार शिकायत साल 2010 में हुई थी। मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है, ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर मामला इतना पुराना है तो अचानक हिमाचल प्रदेश में इसको लेकर हाहाकार क्यों मच गया? दरअसल 31 अगस्त को दो समुदायों के बीच मारपीट हुई थी। एक समुदाय के लोगों ने स्थानीय व्यक्ति को पीट दिया था। युवक की पिटाई के विरोध में हिंदू संगठन भड़क गए और सबसे पहले 1 सितंबर और फिर 5 सितंबर को प्रदर्शन हुआ था। यही से मस्जिद का मामला भी फिर से उठने लगा।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली के पॉश इलाके में बिना इजाजत और बिना नक्शा पास किए 5 मंजिला मस्जिद बना दी गई है। यह अवैध है और इसे गिराना चाहिए। स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ने आते हैं और इनकी वजह से इलाके का माहौल खराब हो रहा है। वहीं मस्जिद के इमाम शहजाद का कहना है कि मारपीट के मामले में अलग से कार्रवाई होनी चाहिए इसे मस्जिद से क्यों जोड़ा जा रहा है। तो उन्होंने कहा कि यह मस्जिद साल 1947 के पहले बनी थी और तब ये कच्ची थी।

मस्जिद के लिए कितनी मंज़िल की अनुमति थी

shimla masjid :ढाई मंज़िल की थी अनुमति पर खड़ी कर दी गई पांच मंज़िले 2010 से लेकर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रही, लेकिन किसी भी सरकार के कार्यकाल ने इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। इस पूरे मामले में नगर निगम के अधिकारियों की भी लापरवाही मानी जा रही है। दरअसल नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन फ़ी भी चार से पांच मंज़िल अवैध तरीक़े से खड़ी हो गई।

नगर निगम प्रशासन पर यह भी आरोप है कि अवैध निर्माण होने पर बिजली पानी का कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया। मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान ने कोर्ट में बताया की वर्ष 2012 तक मस्जिद दो मंज़िला थी। इसके बाद यहा अवैध निर्माण हुआ। हैरत की बात यह है की जब मामला कोर्ट में विचाराधीन था, तब मस्जिद में अवैध निर्माण कैसे हो गया। मस्जिद की जगह पर भी विवाद है। कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में बयान दिया था कि यह मस्जिद हिमाचल सरकार की ज़मीन पर बनी है। हालांकि इस मामले की कोर्ट में आगामी पांच अक्टूबर को सुनवाई होगी।

पुलिस ने क्या एक्शन ली

शिमला पुलिस ने संजौली में धारा 163 तोड़ने और उपद्रव मचाने के आरोप में हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष कमल गौतम और 400-500 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अलग अलग धाराओं में कुल तीन मामले ढली पुलिस थाने में दर्ज किए हैं.

उस क्षेत्र के बुजुर्ग लोगों ने क्या कहा

एक बुजुर्ग ने कहा कि पहले यहां एक दर्जी की दुकान हुआ करती थी। फिर कुछ लोगों ने यहां नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। इसके बाद यहां एक मस्जिद बनाई गई और धीरे-धीरे एक के बाद एक मंजिलें बनती गईं। 2010 में shimla masjid को पहली बार नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया कि एक मंजिल बनाने की अनुमति दी गई थी, तो दूसरी मंजिल क्यों बनाई गई? लेकिन इस नोटिस का कोई असर नहीं हुआ। तीसरी मंजिल भी बनाई गई, चौथी मंजिल भी और पांच मंजिलें बनकर तैयार हो गईं बाद में अवैध निर्माण के नोटिस लगातार आते रहे, लेकिन इमारत का निर्माण जारी रहा।

इस बीच, मामले की शुरुआत से अब तक 44 सुनवाइयां हो चुकी हैं। पर अभी तक अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का मस्जिद के बारे में बयान

shimla masjid :पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी shimla masjid के बारे में बयान आया है। उन्होंने कहा कि मस्जिद का अवैध निर्माण दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पर तुरंत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। जो भी कानून को अपने हाथ में लेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति के पीछे के कारणों की जांच चल रही है।

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